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लू (तापघात) के प्रकोप से बचाव हेतु एडवायजरी जारी...

जिले में गर्मी के मौसम को देखते हुये लू (तापघात) के प्रकोप के प्रभाव से बचाव और उपचार के संबंध में मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गृह विभाग द्वारा एडवायजरी जारी की गई है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे लू (तापघात) के प्रकोप के प्रभाव से बचाव के लिए दिये गये सुझावों का पालन करें।
भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी मौसमी दृष्टिकोण के अनुसार प्रदेश सहित समस्त मध्य भारत में मार्च से लेकर मई 2024 का तापमान औसत तापमान से अधिक होने की संभावना है। इसके कारण प्रदेश के अधिकांश भागों में लू (तापघात) की स्थिति निर्मित हो सकती है। लू (तापघात) के प्रभाव, लक्षण एवं प्राथमिक उपचार सावधानियां अपनाई जानी चाहिए। नागरिकों से कहा गया है कि वे पानी, छांछ, ओ.आर.एस. का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नीम्‍बू पानी, आम का पना इत्यादि का सेवन कर तरो-ताजा रहें। यथा संभव दोपहर 12 से दोपहर 03 बजे धूप में बाहर निकलने से बचें। धूप में निकलते समय अपना सिर ढक कर रखें। कपड़े, टोपी अथवा छतरी का उपयोग करें। धूप में निकलने के पूर्व तरल पदार्थ का सेवन करें। पानी हमेशा साथ रखें। समय-समय पर पानी पीते रहे। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें। सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें। सिंथेटिक एवं गहरे रंग के वस्त्र पहनने से बचें। जानवरों को छाया में रखें और पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें। अत्यधिक गर्मी होने की स्थिति में ठंडे पानी से शरीर को पोछे या कई बार स्नान करें। धूप तथा गर्म हवाओं के संपर्क के तुरंत बाद स्नान न करें। गरिष्ठ, वसायुक्त, ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन तथा अल्कोहल, चाय, काफी जैसे पेय पदार्थ का उपयोग कम से कम करें।

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